दुनिया के सबसे बड़े पांच वैद्न्यानिक
कई ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने विश्व के लिए कई ऐसे साक्षात्कार जैसे संशोधन किये हैं ! और दुनिया के हिट के लिए उनके जीवन के आखरी पल तक वो लड़ते रहे !
1) ” अल्बर्ट आइंस्टीन ” एक विश्व के पांच मैं एक ज्ञानी व्यकि और वैद्न्यानिक थे ! उसके साथ ही उनको खोज के सिद्धांत और एक एकपरमाणुक गैस के क्वांटम सिद्धांत इस सूची के शीर्ष करने के लिए उसे प्रेरित करना साथ साथ ब्राउनियन गति की खोज की खोज के रूप में जानते हैं। ” अल्बर्ट आइंस्टीन ” का नाम शब्द प्रतिभा का पर्याय बन गया है। उनका पूरा नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन है और वह 14 मार्च 1879 को जर्मनी में उल्म में एक यहूदी परिवार में पैदा हुए थे प्रकाश की प्रकृति पर उनके ग्रंथों में अद्वितीय और अतुलनीय हैं।
२. न्यूटन
” न्यूटन ” हम सब उसे गुरुत्व के सिद्धांत के संस्थापक और गति के नियमों की खोज के रूप में जानते हैं। प्रकाशिकी में उनका काम भी है अत्यधिक था ! वे संवेग तथा कोणीय गति थे . उनके के संरक्षण के कानून प्रतिपादित भी शीतलन का कानून विकसित की है और वह पहली बार है कि प्रकाश निरीक्षण करने के लिए एक प्रिज्म हैं ! गति का अध्ययन ध्वनि न्यूटन के द्वारा विभाजित किया जा सकता था । गणित विषय मैं न्यूटन सबसे होशयार थे ! उन्होंने बिजली की श्रृंखला के गठन के लिए योगदान विकसित की है। आइजैक न्यूटन इंग्लैंड में लिंकनशायर में जनवरी 1643 के आधार पर 4 पैदा हुआ थे ! उन्होंने कहा है कि, उनकी मृत्यु तक रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष थे।
३. गैलिलियो गैलिली
गैलीलियो गैलीली एक इटालियन भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और दार्शनिक थे; जिन्होने आधुनिक वैज्ञानिक क्रांति की नींव रखी थी। उनका जन्म 15 फरवरी 1564 को हुआ था, तथा मृत्यु 8 जनवरी 1642 मे हुयी थी। गैलीलियो गैलीली यह है कि गैलीलियो जो आम तौर पर दूरबीन के आविष्कार का श्रेय जाता है ! यह आविष्कार करने के लिए गैलिलियो गैलिली एक नहीं थे यह सच हैं सच है परंतु वह पहले व्यक्ति इसे को पूरा उपयोग करने के लिए के रूप में वह उसके साथ बृहस्पति के छल्ले मनाया गया।
४.थॉमस अल्वा एडीसन
थॉमस अल्वा एडीसन यह नाम आप सभी ने कई किताबो मैं से सुना होगा सुना होगा ! एडिसन विश्व के चोटी के आविष्कारक थे। एक जिज्ञासु और धुनी आविष्कारक, जिन्होनें अपनी युक्तियों को कठोर परिश्रम से साकार रूप दिया। वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने हजार से भी ज्यादा आविष्कार किये। बिजली के बल्ब के क्रांतिकारी आविष्कार ने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचा दिया। थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 में मिलान (ओहायो,अमेरिका) में हुआ था। वह सेमुअल और नैंसी एडिसन की सातवीं और अंतिम संतान थी। पिता कनाडा के राजनैतिक क्रांतिकारी तथा माता स्कूल शिक्षिका थी, जिनका बालक एडिसन की जिंदगी में गहरा असर था। सन 1854 में एडिसन जब सात बरस के थे, एक बेहतर जिंदगी की तलाश में पूरा परिवार पोर्ट ह्यूरोन, मिशिगन चला आया। एडिसन का सारा बचपन फिर यहीं गुजरा। यहां उन्होंने कुल 12 सप्ताह पब्लिक स्कूल में भाग लिया। एडिसन की श्रवण शक्ति बहुत कमजोर थी। वह अपने शिक्षक की बाते बमुश्किल समझ पाते थे, लिहाजा मां ने शीघ्र ही स्कूल से निकाल लिया और घर पर ही पढ़ाने का फैसला किया। थॉमस की शिक्षा 11 वर्ष की उम्र तक फिर मां के साये में घर पर ही हुई। नैंसी ने एडिसन को पढाई के साथ-साथ रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। नन्हा एडिसन अब पढाई के साथ-साथ घर के तहखाने में छोटे मोटे प्रयोग करने लगा।
५. आर्किमिडीज
आर्किमिडीज का सिद्धांत 2265 वर्ष पुराना है। सिद्धांत के अनुसार जब किसी वस्तु को पानी या द्रव में डुबोते हैं, तो उसके भार में कमी आ जाती है। भार में कितनी कमी आती है, आर्किमिडीज ने इसके बारे में बताया था। मान लो कोई जग पानी से लबालब भरा है, उसमें एक चम्मच डुबोते हैं। जग से कुछ पानी बाहर गिर जाता है और चम्मच के भार में कमी आ जाती है। चम्मच के भार में कमी, जग से बाहर गिरे पानी के भार के बराबर होती है। यह आर्किमिडीज का सिद्धांत है। आर्किमिडीज ने सिद्धांत 250 ई.पू. दिया था। उस समय गणितीय आधार शून्य ही था। इसके 1937 वर्ष बाद सन् 1687 में न्यूटन ने ‘प्रिंसीपिया’ नामक पुस्तक लिखी। इसमें गुरुत्वाकर्षण का नियम दिया गया। इस तरह 1937 वर्ष बाद आर्किमिडीज सिद्धान्त पर गणित के समीकरण लिखे गए। इन्हीं समीकरणों की विवेचना, आर्किमिडीज सिद्धांत के संशोधन का आधार बनी।