सौर मंडल (Solar System)
सूर्य के चारों ओर पिंड बने हुए हैं जिन पर आकाशीय ग्रह घुमते हैं| और इन मुख्य ग्रहों के अलावा भी कुछ ऐसे अन्य अंश पाए जाते हैं जो सूर्य के इर्द गिर्द बने इन पिंडों पर घुमते हैं| इन अन्य वस्तुओं में धूमकेतु , क्षुद्र ग्रह और उल्काएँ शामिल होती हैं| बता दें के हमारी पृथ्वी भी इन्ही में से एक पिंड पर सूर्य का चक्कर लगाती हैं जिसके साथ अन्य सात ग्रह भी अपने अपने पिंडों पर चक्कर लगाते हैं| अगर बात करें सौर मंडल के अन्य 7 ग्रहों की तो इनमे कुल 8 ग्रह शामिल हैं जिनके नाम बुध ,शुक्र , पृथ्वी, मंगल , बृहस्पति, शनि, अरुण (यूरेनस) तथा वरुण (नेपच्यून) है|
और इन्ही ग्रहों, धूमकेतुओं, उल्काओं, क्षुद्रग्रहों और आकाशीय पिंडो को एक साथ लेने पर इन्हें सौर मंडल का नाम दिया जाता है और अंग्रेजी में इसे Solar System के नाम से जाना जाता है|
सौरमंडल की खोज कब और किसने की थी?
सबसे पहले साल 1543 में निकोलस कोपरनिकस द्वारा सौर मंडल की खोज की गयी थी| सर निकोलस नें सूर्य इस ब्रम्हांड का केंद्र है क्योंकि इससे पहले की मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताया जाता था के पृथ्वी ब्रम्हांड का केंद्र है| इसके बाद 17वी शताब्दी में हुए शोधों में मशहूर वैज्ञानिक गैलेलियो गैलिली और जॉनेस केप्लर द्वारा इस बात की खोज की गयी के हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक पिंड में घूमती है और इसी के बाद अन्य ग्रहों की खोज हुई जो के सूर्य का चक्र लगाते हैं| और फिर वक्त के साथ चाँद की खोज हुई जो के पृथ्वी का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह है|
इस खोज से पहले लोगों की दिन और रात को देखते हुए ऐसी मान्यता थी की पृथ्वी सभी ग्रहों और सूर्य के केंद्र पर है और इसी कारण पृथ्वी पर रात और दिन होते हैं|
सौरमंडल का उत्पत्ति (Origin of the Solar System)
भिन्न भिन्न वैज्ञानिकों नें सौर मंडल की उत्पत्ति को लेकर अपनी अपनी अलग बातें रखी हैं| जिनमे सबसे पहले सामने आई रिपोर्ट्स की माने तो इनमे सौर मंडल के गठन को लेकर बताया गया था के अभी से तकरीबन 4.6 अरब साल पहले इसका आरम्भ हुआ था| बात करें इससे पहले के वक्त की तो इससे पहले न ही सूर्य था और न ही अन्य ग्रह| उस वक्त हुआ करते थे तो केवल कुछ धूल के बादल जिनमे भरपूर मात्र में हाइड्रोजन और हीलियम पायी जाती थी| इन्हें निहारिका व नेब्युला के नाम से जाना जाता था|
और इसी विशालकाय नेब्युला गैस के बादल के अंदर हुए एक विस्फोट से कारण सूर्य का निर्माण हुआ| इस विस्फोट के दौरान निकला हुआ हुआ गैस वाला अधिकतर हिस्सा केंद्र की ओर इकठ्ठा होने लगा और इस बादल से हुए विस्फोट से निकला अत्यधिक मात्रा में हाइड्रोजन और हीलियम इन गैसों के उपर की सतह बना गया जिसमे होने वाले न्यूक्लियर रिएक्शन्स से आज भी अगणनीय मात्रा में ऊष्मा पैदा होती है| और साथ ही जब सूर्य की उत्पत्ति हो गयी तो टूटे हुए अन्य कणों के अंदर भी ग्रुत्वाकर्ष्ण बल से आकर्षण आने लगा जिसके परिणाम स्वरुप ग्रहों का निर्माण हुआ|
सौरमंडल के ग्रह (Planets of the solar system)
सौर मंडल में कुल 8 ग्रहों की अभी तक पुष्टि की गयी है जिनके नाम कुछ इस प्रकार है|
- बुद्ध (Mercury)
- शुक्र (Venus)
- पृथ्वी (Earth)
- मंगल (Mars)
- बृहस्पति (Jupiter)
- शनि (Saturn)
- अरुण (Uranus)
- वरुण (Neptune)
सूर्य (sun)
सूर्य एक विशालकाय तारा है जो अत्यधिक मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा को उत्सर्जित करने का काम करता है और साथ ही पूरे सौर मंडल के लिए ये सूर्य ही केंद्र का काम भी करता हैं| बता दें के अन्य ग्रहों सहित पृथ्वी के लिए सूर्य ऊर्जा का सबसे प्रमुख और बड़ा स्तोत्र भी है| जानकारी के लिए बता दें के सूर्य पूरे सौर मंडल का सबसे गर्म तारा भी है|
बुध ग्रह (Mercury)
सूर्य से दूरी के मामले में बुध ग्रह पहले स्थान पर आता हाउ| बता दें के पूरे सौर मंडल में बुध सबसे छोटा ग्रह है| पर इसी के साथ बुध सूर्य का चक्कर लगाने वाला सबसे तेज ग्रह भी है जो के तकरीबन 180,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सूर्य का चक्कर लगाता है और इसे सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में महज़ 88 दिन ही लगते हैं|
शुक्र ग्रह (Venus)
सौर मंडल में सूर्य से दूरी के मुताबिक शुक्र का दूसरा स्थान है और साथ ही पूरे सौर मंडल में आकर के अनुसार इसे छठवा स्थान दिया गया है| बता दें के शुक्र ग्रह का पूरा वातावरण कार्बन डाइऑक्साइड से बना हुआ है और इस ग्रह की पूरी सतह कई किलोमीटर मोटी सल्फ्यूरिक एसिड की परत से ढकी हुई है|
पृथ्वी (earth)
सूर्य से दूरी के मामले में तीसरे स्थान पर पायी जाती है हमारी पृथ्वी| और पूरे सौर मंडल में पाए जाने वाले ग्रहों में हमारी पृथ्वी ही ऐसी अकेली है जहाँ पर जीवन होने की पुष्टि हो पायी है| ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ पर जल और वायु दोनों ही मौजूद है और यही मानव के लिए बुनियादी जरूरतें होती हैं|
मंगल ग्रह (Mars)
सौर मंडल में सूर्य से दूरी के अनुसार मंगल ग्रह का स्थान चौथा है| इसे मंगल के अलावा ‘लाल ग्रह’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि किसी भी अन्य ग्रह से देखने पर रासायनिक तत्वों की वजह से इसका रंग गहरा लाल दिखता है| बता दें के मंगल के पास खुद के दो उपग्रह भी है|
बृहस्पति ग्रह (Jupiter)
सौर मंडल में पांचवे स्थान पर आने वाला ग्रह बृहस्पति आकार के मामले में पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है| बात करें अगर इस ग्रह के आकार की तो इसमें लगभग 1300 पृत्वी रखी जा सकती हैं| और इसके अतिरिक्त बृहस्पति के उपग्रहों की बात करें तो इसके पास पास कुल 4 उपग्रह हैं|
शनि ग्रह (Saturn)
सूर्य से दूरी के अनुसार शनि ग्रह का छठवां स्थान है और पूरे सौर मंडल में अपनी बनावट के चलते इसे सबसे अनोखा ग्रह भी माना जाता है| ऐसा इसलिए क्योंकि शनि ग्रह के चारों ओर छोटे छोटे पत्थरों की एक रिंग देखने को मिलती है| साथ ही शनि सबसे अधिक उपग्रहों वाला ग्रह भी है|
अरुण ग्रह (Uranus)
सौर मंडल का सातवा सदस्य है अरुण जिसे खासतौर पर इसके अंग्रेजी नाम यूरेनस से ही जाना जाता है| इसके अलावा पूरे सौर मंडल का यह तीसरा सबसे बड़ा ग्रह भी है| दूर से देखने पर यह ग्रह हरे रंग का प्रतीत होता है जिसकी मुख्य वजह इसकी सतह है जो के मुख्यतः मीथेन से ढकी हुई है|
वरुण ग्रह (Neptune)
सौर मंडल का आठवाँ और अंतिम सदस्य है वरुण ग्रह जिसे मुख्यतः नेपच्यून के नाम से ही जाना जाता है| सूर्य से अत्यधिक दूरी की वजह से यह ग्रह काफी ठंढा है और इसपर सूर्य से लगने वाला ग्रुत्वाकर्षण बल भी सबसे कम है|