ध्वनि प्रदूषण पर निबंध | Essay on Noise Pollution

Noise Pollution in Hindi – Noise Pollution kya hai?

आजकल के इस वैज्ञानिक युग में इंसान काफी आगे बढ़ चुका है और हर क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है और हमारे देश आज हर एक समस्या का समाधान है और ये सब विज्ञानं की देन है| लेकिन ये विज्ञानं हमारे लिए जितना अच्छा है उतना खराब भी है जी हाँ इसने कुछ ऐसे उपकरण बना दिए हैं जो आज के समय में हमारे लिए काफी घातक सिद्ध हो रहे हैं और हम चाहकर भी इनका उपयोग कम नहीं कर पा रहे हैं| दोस्तों आज के टॉपिक में हम बात करेंगे ध्वनी प्रदुषण की वैसे तो प्रदुषण कई प्रकार का होता है लेकिन आज हम ध्वनी प्रदुषण के बारे में बात करने जा रहे हैं और यह मानव जनित प्रदूषण है। इसने हमेशा से ही हमारे पर्यावरण को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है और आगे भी करता रहेगा।

ध्वनि प्रदूषण आज के समय में एक ऐसी समस्या बन चुकी है जिससे आज के समय में हर कोई परेशान है और ये सिर्फ मनुष्यों को ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी काफी गहरा असर डालती हैं| और अगर इसको समय रहते कण्ट्रोल न लगाया गया तो ये हमारे लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है| आज के समय में निरंतर बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के स्तर ने वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी है जो की मानव जीवन के लिए काफी दयनीय है|

ध्वनि प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत – Main sources of noise pollution

हमारे भारत में देखा जाये तो जब से विज्ञानं का विस्तार हुआ है काफी चीजें बदल आगयी हैं और मानव ने भी काफी तरक्की कर ली है और शहरीकरण भी काफी हुआ है और इसके साथ ही औद्योगिकीकरण को भी काफी बढ़ावा मिला है और जिसके कारण आज के समय में बड़े बपैमाने पर कारखाने चल रहे हैं और आज हमारा देश विकास के क्षेत्र में काफी आगे निउकल चुका है| इन कारखानों में तेज गति से काम करने वाली उच्च तकनीकी की बड़ी मशीनें भी लगायी गयी हैं जिनमे इतनी आवाज़ होती है की ये ध्वनी प्रदुषण का मुख्या कारण हैं|

इसके आलावा आजकल के समय में यातायत के साधन, जो कि अब ज्यादा हो गये हैं और ये भी हमारे लिए ध्वनि प्रदूषण का एक मुख्य कारक है| आये दिन सड़क पर चलने वाले मोटर वाहन जैसेकी ट्रक, बसों, ऑटो, बाइक, कार ये सब भी ध्वनी प्रदुषण का एक मुख्य कारण है| और लोग भी इनका उपयोग अब बहुत ज्यादा करने लगे हैं|

इसके आलावा जहाँ कभी भी स्टेशन होता है वहां हमेशा गाड़ियाँ आती और जाती रहती हैं और इनसे भी भारी मात्र में ध्वनी प्रदुषण होता है और ये शोर उच्च स्तर के शोर का निर्माण करने में बहुत प्रभावी होता है क्योंकि इसकी ध्वनि लगभग 120 डीबी से 100 फीट की दूरी तक होती है और काफी दूर तक सुने देती है|

इसके आलावा जहाँ बड़ी बड़ी इमारतें होती हैं वहां ऐसे कई तरह के उपकरण होते हैं जैसे की प्लम्बिंग, जैनरेटर, ब्लोअर, घरेलू उपकरणों, संगीत, एयर कंडीशनर, वैक्यूम क्लिनर, रसोइघर के उपकरण आदि जो की पर्यावरण में शोर का मुख्या कारण बनते हैं|

ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव

  • अब हम बात करने जा रहे हैं इनसे होने वाले नुकशान की तो आपको बता दे की ये हमारे जीवन में बहुत ही गहरा असर डालते हैं और ध्वनि प्रदूषण मनुष्यों तथा जानवरों के स्वास्थ्य को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है। और आज हम आपको इसके कुछ दुष्प्रभाव के बारे में बताने जा रहे हैं|
  • हमारे पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण आये दिन बढ़ता ही जा रहा है और ये मनुष्यों की काम करने की क्षमता को कम करता है|
  • ध्वनि प्रदूषण के कारण बहुत से लोगों को थकान की समस्या हो जाती है जिसे आजके युवा काफी परेशान रहते हैं|
  • इसके आलावा जिस भी घर में कोई गर्भवती महिला है उसके लिए ये ध्वनी प्रदुषण काफी खतरनाक साबित हो सकता है और कभी कभी तो इसके कारण गर्भपात जैसी समस्या भी हो जाती है।
  • बहुत से लोगों में उच्च रक्तदाब और मानसिक तनाव की बीमारी होती है और उनके लिए भी ये ध्वनी प्रदुषण काफी खतरनाक साबित हो सकता है|
  • जहाँ बहुत तेज आवाज होगी वहां काम की गुणवत्ता कम होगी क्योंकि वहां किसी के अंदर एकाग्रता नहीं होगी जिससे काम कम होगा|
  • और अगर ये आवाज तेज़ हो और इसका स्तर 80 डीबी से 100 डीबी हो तो ये हमारे लिए और भी घटक हो सकती है और हमें बहरा भी कर सकती है|
  • बहुत ताज आवाज़ से पशु भी अपने मस्तिष्क पर अपना नियंत्रण खो देते हैं और ये हमारे लिए काफी चिंता का विषय है|
  • ध्वनी प्रदुषण पेड़-पौधों को भी बहुत ज्यादा प्रभावित करता है और जिसके कारण उत्पादन कम होता है और हमें घटा लग जाता है।

ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय

अब हम आपको इसको रोकने के लिए कुछ खास उपायों के बारे में बताने वाले हैं जिससे आप ध्वनी प्रदुषण को कम कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमयी बना सकते हैं|

  • सबसे पहले हमें कारखानों में कम ध्वनि वाली मशीनों का प्रयोग करना चाहिए जिससे की ज्यादा शोर न हो|
  • ज्यादा शोर वाली गाड़ियों का इस्तेमाल कम से कम किया जाये।
  • अगर आपकी सड़कों की स्थिति खराब हो तो आपको इसकी मरम्मत करा देनी चाहिए|
  • भीड़-भाड़ वाले इलाके में बड़ी-बड़ी गाड़ियों को नहीं जाने देना चाहिए|
  • ज्यादा भीड़ में ट्रैफिक के कानून का पाबन्दी से पालन करना चाहिए और हो सके तो बार बार हॉर्न न बजाएं|
  • अपने गाड़ी के इन्जन की समय समय पर मरम्मत करते रहना चाहिए ताकि इंजन से ज्यादा ध्वनि न आये।
  • हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए जिससे की ध्वनि प्रदूषण कम हो सके और हमारा पर्यावरण साफ़ रहे|
  • उद्योगों से उत्पन्न होने वाली ध्वनि को जहाँ तक हो सके कम करना चाहिए|
  • तेज आवाज करने वाले पटाखों के विशेष अवसरों जैसे; त्योहारों, पार्टियों, शादियों, आदि में प्रयोग को कम करना चाहिये।
  • शादी विवाह में बहुत अधिक आवाज़ वाले डीजे या साउंड का प्रयोग नहीं करना चाहिए जिससे की आम जनता को परेशानी हो|
  • व्यावसायिक कार्यस्थल, शैक्षणिक संस्थान, आवासीय क्षेत्र या अस्पताल आदि स्थानों पर ध्वनि के तेज स्तर रोका जाना चाहिये

Written by Jatin Tripathi

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