मालविका कृष्णा एक भारतीय मूल की महिला कारोबारी और काफी फेमस बिजनेसवोमन हैं| इनकी शादी वी जी सिधार्थ से हुई है जो के मशहूर कंपनी कैफे कॉफ़ी डे के मालिक थे| इनके पति नें 29 जुलाई, 2019 में आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद से मालविका कृष्णा नें दूसरी शादी नही की| मालविका के पिता का नाम एस एम् कृष्णा है जो के भारत के कर्नाटक राज्य के मुख्य मंत्री हैं और इनकी माँ का नाम प्रेरणा कृष्णा है|
मालविका कृष्णा की उम्र अभी 51 साल हो चुकी है| इनका जन्म साल 1969 में कर्नाटक के ही बंगलुरु में हुआ था| इन्होने अपनी शुरुवाती प्राइमरी की पढ़ाई बेंगलुरु के ही एक क्षेत्रीय स्कूल से ही पूरी की| इसके बाद इनका मन इंजीनियरिंग की तरफ जाने लगा जिसके चलते इन्होने बंगलोर यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया और वहा से इंजीनियरिंग पूरी की|
शारीरिक बनावट और सामान्य जानकारियाँ
इनकी कुछ शारीरिक बनावटों कुछ इस प्रकार है| इनका लम्बाई में कद 5’ 4’’ है वहीँ इनका वजन 55 किलोग्राम है| इनके आँखों और बाल दोनों का रंग गहरा काला है| धार्मिक तौर पर इन्होने इंटरव्यू में ऐसा बताया है के किसी एक धर्म पर टिप्पणी करने में इन्हें किसी तरह का इंटरेस्ट नही है| और इनकी राष्ट्रीयता पूर्ण रूप से भारतीय की है|
हाबीज़ और मनपसन्द गतिविधियाँ
मालविका की मनपसन्द गतिविधियों या हाबीज़ में कहना बनाना और किताबे पढना शामिल है| इन्हें इन सब के साथ घुमने फिरने में भी काफी दिलचस्पी है जिसके बारे में खुद इन्होने एक इंटरव्यू में बताया था| इनकी ड्रीम प्लेस लंदन है और वहीँ के कुछ आस पास के शहर हैं जहा घुमने के इन्होने सपने देखे हैं|
पारिवारिक पृष्ठभूमि
कर्नाटक राज्य के ही वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुख रखने वाली मालविका के पिता एस एम कृष्णा नें कई राजनैतिक पदों के कार्यभार सम्भाले हैं| इनके पिता नें इससे पहले विदेश मंत्रालय के मंत्री रहे है जिसके बाद इन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री पड़ मिला है| इनकी माँ प्रेरणा कृष्णा अभी एक सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं| मालविका कृष्णा की एक बहन भी हैं जो उम्र में इनसे छोटी हैं| इनकी बहन का नाम शाम्भवी कृष्णा है जो के पेशे से एक महिला कारोबारी हैं|
किससे हुई है शादी
साल 1991 में मालविका नें वी जी सिद्धार्थ से शादी की थी जो के मशहूर फ़ूड और ड्रिंक की कम्पनी कैफे कॉफ़ी डे के मालिक और संस्थापक हैं| सिद्धार्थ एक फेमस व्यवसायी है जिन्होंने अपनी पढ़ाई बेंगलुरु की ही यूनिवर्सिटी से पूरी की थी| अपनी कैफ़े कॉफ़ी डे कम्पनी से पहले भी सिद्धार्थ कई जगह काम कर चुके थे जिनमे सबसे अधिक कुछ फाइनेंसियल फर्म शामिल हैं| शादी के बाद इनके दो बच्चे भी हैं जिनके नाम, ईशान और अमर्त्य हैं|
ऐसे हुआ कैफ़े कॉफ़ी डे का संस्थापन
मालविका अपने पति सिद्धार्थ के साथ ही इस कॉफ़ी के व्यापार में शादी के बाद से जुडी हुई हैं| वो अपनी इस कम्पनी बोर्ड में बतौर नॉन ऑफिस बोर्ड मेंबर काम करती हैं| जिस दिन इनके पति नें पहली बार कैफे कॉफ़ी डे का सपना देखा था उस समय मालविका नें उनके फैसले को नकार दिया था क्योंकि इनके पति वी जी सिद्धार्थ एक कप कॉफ़ी अपने इस ब्रांड के नाम पर लगभग 25 रुपयों में बेचना चाहते थे| अमूमन यह कॉफ़ी अगल बगल की दुकानों में लगभग 5 रुपयों में मिल जाती थी|
इसी के बाद इनके पति सिद्धार्थ नें अपने इस पूरे प्लान को थोड़ा विकसित करने की सोची और कॉफ़ी के साथ उन्होंने इन्टरनेट सेवा भी देने की सोची’ इसके बाद अपने इस प्लान के साथ दोनों आगे बढ़े और अपना पहला कैफे शुरू किया| इसके बाद कुछ वक्त तक काम पर ध्यान देने के साथ इन्होने साल 1996 में अपना पहला कैफ़े खोला| इसे इन्होने बंगलोर के ही ब्रिगेड रोड पर शुरू किया जिसमे के मालविका और इनके पति दोनों का ही योगदान रहा|
एन इंटरव्यू के दौरान मालविका नें इस बात को बताया था के जब उनका पहला कैफ़े बन रहा था| उस वक्त अपने पति के साथ वो खिदियों से बाहर देखते हुए सोचते थे के बाहर आते जाते लोगों में कौन उनके इस कैफ़े में आने वाला है| इन्होने साथ में बताया के इनके पति सिद्धार्थ कंपनी के एक्टिव मेम्बर और मेनेजर थे वहीँ ये सिर्फ रोज़ के काम देखा करती थीं|
पति सिद्धार्थ का देहांत
29 जुलाई, 2019 को मालविका कृष्णा के पति घर से बाहर थे| वो बेंगलुरु से सक्लेश्पुर जाने के लिए अपने ड्राईवर संग निकले थे| यात्रा के दौरान सिद्धार्थ नें ड्राईवर से चिकमगलूर चलने को कहा| जब दोनों लगभग पहुँचने वाले थे तभी एक पुल के पास उन्होंने ड्राईवर से कहा के वो पुल के अंत में जाकर उनका इंतज़ार करे और फिर वो कार से बाहर आ गये|
ऐसे में आगे जाकर काफी वक्त तक ड्राईवर में उनका इंतज़ार किया| लेकिन फिर काल करने पर फ़ोन बंद आया जिसके बाद ड्राईवर वहा पर आया तो उसे कोई मिला नहीं| उन्हें काफी तलाशने के बाद वहा पर न पाकर ड्राईवर नें मालविका के बड़े बेटे को फ़ोन किया| जिसके बाद उन्होंने 30 जुलाई, 2019 को पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई| इसके बाद काफी तहरीर के बाद 31 जुलाई, 2019 को सवेरे 07:30 के लगभग वी जी सिद्धार्थ का मृत शरीर नेत्रवती नदी में पाया गया|
पुलिस की सारी कागज़ी कार्यवाही पूरी होने के बाद पत्नी मालविका नें पति के शरीर को चिकमगलूर के ऑफिस में ले गयी| वहां लोगों नें सिद्धार्थ को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की| इसके बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए पत्नी नें शरीर को सिद्धार्थ के ही पिता के कॉफ़ी एस्टेट में लेकर गयी जहाँ पहली बार उन्होंने एक व्यवसायी बनने का सपना देखा था|
मालविका कृष्णा और सिद्धार्थ की कुल समाप्ति
सिद्धार्थ और इनकी पत्नी के नाम आज बहुत ही बड़ी समाप्ति है| इसका सबसे बड़ा स्त्रोत्र है इनके पहले सचल रहे कई सारे फाइनेंसियल फर्म्स और इनकी सबसे बड़ी और फेमस कंपनी ‘कैफ़े काफी डे’ जो के आज दिन पर दिन नई मंजिलें पा रही है| इनकी पूरी संपत्ति को लगभग 250 करोड़ रुपये बताई जाती है जिसे मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया गया है| हालाँकि अभी तक इनकी मासिक आमदनी का अभी किसी को पूरा पता नही है|
मलविका कृष्णा से जुड़े कुछ तथ्य
कंपनी ‘कैफ़े कॉफ़ी डे’ को भले ही उन्होंने पूरी तरह से साल 2019 में पति के निधन के बाद सम्भाला हो लेकिन साल 2008 से ही बतौर नॉन – एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेम्बर सम्भालती आई हैं|
‘कैफ़े कॉफ़ी डे’ के शेयर्स और अग्रीमेंट्स के अनुसार उनका कम्पनी में 4% का इक्विटी शेयर है|
मालविका एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं जिन्हें पेड़-पौधों से काफी लगाव है| इन्होने अपने पति के साथ मिलकर तकरीबन 2 से 3 हज़ार पौधे लगाये हैं|
सोशल मीडिया एकाउंट्स
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी ये काफी एक्टिव नजर आती हैं| सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इनके लाखों फालोवर्स हैं| साथ ही इनके पास दो सबसे फेमस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट हैं जो के इन्स्टाग्राम और ट्विटर हैं| एक सर्वे की जानकारी के मुताबिक़ यह बताया गया था के मालविका जितने भी पैसे खुद कमाती हैं उसका 98% सोशल मीडिया से आता है जहाँ के ये विज्ञापनों और प्रमोशन करने के पैसे लेती हैं| इन्हें सोशल मीडिया एंट्रेप्रेनर का टैग रोल भी मिला हुआ है|
तो ये थी मालविका कृष्णा सिद्धार्थ से जुडी सभी बातें और उनकी जिंदगी की पूरी कहानी| हम उम्मीद करते हैं के आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी| और अगर आपको इस जानकारी में कुछ खामियां दिखती हैं तो आप हमे कमेंट्स में उनके बारे में ज़रूर बताएं|