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KYC kya hai – KYC ke bare mein puri jankari
इस दुनिया में हर आदमी पैसा कमाता है लेकिन इतना सारा पैसा कोई घर में तो नहीं रख सकता और पैसों की सुरक्षा के लिए हम सभी अपने पैसों का निवेश बैंक में करते हैं और ये हमारे लिए पैसे रखने का सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है| और आज के समय में ज़्यादातर लोग अपने पैसे का निवेश बैंक में करते हैं और जब जरूरत होती है तो इसको निकलते हैं| और इसके लिए हमारा बैंक में एक अकाउंट जरूर होना चाहिए| और जब भी हम अपने पैसों को बैंक में जमा करने जाते हैं तब हमसे KYC भरने के लिए कहा जाता है और हम भरते भी हैं लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है की आखिर KYC होता क्या है और इसको क्यों भरा जाता है| और शायद आपने भी KYC का फॉर्म जरूर भरा होगा तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है आज की इस पोस्ट में हम आपको KYC के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं तो आइये जानते हैं की आखिर ये KYC क्या होता है और ये हमारे लिए किस तरह से उपयोगी है|
केवाईसी का फुल फॉर्म – KYC ka full form
सबसे पहले हम बात करने जा रहे हैं KYC के फुल फॉर्म की तो आपको बता दे की KYC का फुल फॉर्म होता है Know Your Customer जिसका अर्थ है “ग्राहक को जानों” और ये वैसे देखा जाये तो एक प्रकार का फॉर्म होता है जिसको हर खता धारक को भरना आवश्यक होता है और इसके साथ आपको अपने कुछ जरूरी दस्तावेज़ भी देने होते हैं जैसे की आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट आदि जिसकी मदद से आपको वेरीफाई किया जाता है की आप भारत के नागरिक हैं की नहीं और अगर किसी ने ये फॉर्म नहीं भरा है तो उसकी सेवाएं बैंक द्वारा कम कर दी जाती हैं|
KYC का अर्थ – KYC ka matlab
अब आइये बात करते हैं की आखिर इसका क्या मतलब होता है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की केवाईसी एक ऐसा प्रोसेस है जिसके अंतर्गत बैंक अपने ग्राहकों का डॉक्यूमेंट लेती है और उसको वेरीफाई करती है जिससे की अगर कभी भविष्य में आपके ऊपर कोई परेशानी आये तो वो आपको आसानी से ट्रैक कर सके और आपकी सहायता कर सके| और इससे बैंक के पास आपका एक रिकॉर्ड भी बना होता है| हमारे भारत में वर्ष 2002 में KYC अस्तित्व में आया था और उसके बाद साल 2004 में सभी ग्राहकों के लिए KYC पूर्ण रूप से अनिवार्य कर दिया गया|
KYC के लिये आवश्यक डॉक्यूमेंट – KYC ke liye document
जब भी आप बैंक में KYC का फॉर्म भरने के लिए जाते हैं तो इसके साथ आपको कई सारे दस्तावेज देने होते हैं जैसे की अपना पासपोर्ट साइज फोटो और प्रमाण पत्र की बात करें तो आपको अपना आधार कार्ड ,पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी की फोटो कॉपी KYC के साथ देनी होती है और तभी आपका फॉर्म जमा किया जाता है| इससे आपको बैंक वाले वेरीफाई करते हैं की आपके द्वारा दी गयी जानकारी सही है की नहीं और आपको यदि किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो बैंक आपकी सहायता के लिए हमेशा तैयार रहेगी|
KYC क्यों जरूरी है
अब आइये जानते हैं की आखिर ये KYC हमारे लिए क्यों आवश्यक है और ये हमारी किस प्रकार से मदद करता है तो बता दे की आप जब भी KYC भरते हैं तो इसके साथ अपना पहचान पत्र भी देते हैं जिससे आपके बारे में विस्तृत जानकारी बैंक के पास हो जाती है और बैंक भी इससे ये सुनिश्चित कर लेता है की ग्राहक द्वारा निवेश किया गया पैसा अवैध कामों के लिए नहीं है और हमें इसकी सुरक्षा करनी है| और ऐसा करने से किसी भी प्रकार की धोखा धड़ी भी नहीं की जा सकती और ऐसे मामलों से बचा जा सकता है|
KYC के प्रकार
अब आइये जानते हैं की KYC कितने प्रकार का होता है तो आपको बता दे की ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं| पहला आधार-आधारित KYC होता है और दूसरा इन-पर्सन-वेरिफिकेशन KYC है और ये दोनों एक दुसरे से बिलकुल अलग हैं| आधार-आधारित KYC की अगर हम बात करें तो इसमें ग्राहक अपने आधार की जानकारी देकर KYC करने की अनुमति देता है और इसमें उसको हर साल केवल 50,000 रु. निवेश कर सकता है और यदि ग्राहक हर साल निवेश करना चाहता है तो उसे इन-पर्सन-वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है जिससे वो हर साल अपने पैसे का निवेश कर सकता है|
KYC कैसे करें
अब हम बात करेंगे की आखिर इसको करने के लिए आपको क्या करना होता है तो बता दे की KYC करने के लिए आपके पास तीन ऑप्शन होते हैं और इन तरीकों द्वारा आप आसानी से अपना KYC कर सकते हैं तो आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में|
- ऑनलाइन
- आधार-आधारित बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण
- ऑफलाइन
KYC का महत्व
अब आइये जानते हैं इसके महत्व के बारे में की ये हमारे लिए किस प्रकार से महत्त्वपूर्ण है और आपको अब ये तो पता चल ही गया होगा की ये हमारे लिए कितना काम का है| KYC वाकई में हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, आपको बता दे की जब किसी ग्राहक को किसी बैंक के द्वारा वित्तीय सेवा प्रदान की जाती है, तो उसकी पहचान बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है और इसके लिए उसको KYC फॉर्म भरना होता है और ये हर ग्राहक के लिए एक अनिवार्य प्रक्रिया है जिसको उसे पुराकारना ही पड़ता है| इससे ये भी फायदा होता है की हमारे साथ कोई धोखाधड़ी नहीं कर सकता और इसके आलावा इससे हमें लेन देन करने में भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती| इसके आलावा जब कोई ग्राहक अपना पैसा म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉज़िट, बैंक अकाउंट आदि में निवेश करता है तब उसको अपना KYC जमा करना होता है और इसके बाद ही उसकी आगे की प्रक्रिया होती है। और ये केवल उसको एक बार ही देना होता है जब वह पहली बार निवेश शुरू करता है|
तो दोस्तों हम आशा करते हैं की आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी होगी और आपको इससे बहुत सारी जानकारी भी मिली होगी तो अगर आपको हमारी ये आज की पोस्ट पसंद आई हो तो आप इसको लाइक और शेयर करना न भूलें और अगर कोई समस्या हो तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें|