काम के देवता स्वामी कामदेव.
कामदेव को हिंदू शास्त्रों में प्रेम और काम का देवता माना गया है ! वे विवाहित हैं और रति उनकी पत्नी हैं। उनका स्वरूप युवा और आकर्षक है।। हिंदूओ के धर्मग्रंथों में धर्म के आलावा अर्थ, काम तथा मोक्ष को भी महत्व दिया गया है। काम को योग के समान ही संयम और धैर्य से साधना चाहिए ! औरहिन्दू धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और काम इनको बहुत चर्चा में माना जाता हैं ! खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। और कई जगह पर हम देखते हैं , की कई पुराने किलो पे अभी भी काम देव के कुछ मुर्तिया दिखाई पड़ती हैं !अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से । वह सारे कार्य स्थितियां जिससे जीवन आनंददायक, सुखी, शुभ और सुंदर बनता है ! यहाँ काम की असली परिभासा कही जाती हैं ! कामदेव के बारे मैं हमने कई बार सुना हैं , कई किताब मैं और डेली जीवन मैं कई के मुह से उनके बारे सुना हैं ! पुराने ज़माने की कहानी हैं ! जो कामदेव से जुडी हैं ! और आज के समय मैं हमें कई किताबो मैं पढ़ने को मिलती हैं ! आज के ज़माने मैं कई जगह पर कामदेव के कई मंत्र दिखाई पड़ते हैं ! कहा जाता हैं पुराने ज़माने के लोगो के अनुसार भगवान महादेव की जिस तपस्या को विश्व में कोई नहीं तोड़ सका वह शिवशंकर की तपश्या तोड़ने की जिम्मेदारी ली कामदेव ने ही इस जिम्मेदारी को अपने हाथ में लिया और उनकी तपस्या तोड़ दी। इससे भगवान शिव का मां पार्वती के साथ विवाह तो हो गया परन्तु कामदेव को रूद्र के क्रोध की अग्नि में भस्म होना पड़ा। बाद में कामदेव की पत्नी रति की प्रार्थना पर भगवान शंकर द्वारा कामदेव को भाव रूप में प्रकृति और जीवों में वास करने की गति नियत की गई। कुछ पुराने व्यक्तियों के अनुसार माना जाता हैं की , काम के स्वामी कामदेव स्त्रियों के शरीर मैं बसते हैं !