भारतीय स्वतंत्रता सेनानी | Indian Freedom Fighters

हमारा भारत देश एक बहुत ही मान देश है और इस देश को महान बनाने में जिन लोगों ने अपना खून पसीना बहाया था उनका नाम आज भी हम बड़े ही आदर और सम्मान से लेते हैं क्योंकि उनके ही कारण आज हम आज़ाद हुए हैं और अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िन्दगी जी सकते हैं| आपको बता दे की अंग्रेजों ने हमारे भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शाहन किया और यहाँ के लोगों पर खूब अत्याचार किया और उनको अपना गुलाम बना कर रखा| लेकिन हर चीज़ की एक सीमा होती है और जब अत्याचार चरम पर पहुँच गया तब हमारे भारत के कुछ वीरों ने इसका विरोध किया और उनसे काफी संघर्ष भी किया तब जाके आज हम आज़ाद हो पाए हैं और उनकी ही दें है की हम अपने देश में अपनी आज़ादी से जी रहे हैं| इसके पीछे इन लोगों ने कितना बलिदान दिया और कितनो की तो जान भी चली गयी और उनके इसी मान कार्यों के लिए लोग आज भी उनको याद करते हैं और उनका नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है| आज हम आपको कुछ ऐसे ही महान व्यक्तियों के बारे में बताने वाले हैं जिन्होनें अपनी जान पर खेल कर हमारे देश को आज़ाद कराया है|

 

महात्मा गाँधी
बापू को कौन नहीं जानता आज के समय में बच्चा बच्चा इनसे वाकिफ है और इनको राष्ट्रपिता भी कहा जाता है और इसके आलावा इनके बहुत सरे नाम हैं और ये भी अहिंसा के पुजारी थे| इनका पूरा नाम था मोहन दास करम चंद गाँधी और इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर में हुआ था| इनके पिता का नाम था करमचंद गाँधी और माता का नाम था पुतली बाई| हमारे भारत को अंग्रेजों से आज़ाद करने में इनका पूरा हाथ था और इन्होनें इसके लिए काफी संघर्ष भी किया| ये हमेशा से ही सत्यवादी थे और झूठ बोलना इनको पसंद नहीं था|

भगत सिंह
इसके बाद नाम आता हियो भगत सिंह का जो की हमारे देश के नेता थे और इन्होनें भी हमारे देश को आज़ाद कराने में अपना भरी योगदान दिया था| आपको बता दे की भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 में लायलपुर में हुआ था। और इन्होनें अपनी जान पर खेल कर हमारे देश को आज़ाद करने में अपना पूरा योगदान दिया है और इसी वजह से आ लोग इनको याद करते हैं और इनकी कही गयी बातों से प्रेरणा भी लेते हैं| ये हमेशा से ही क्रान्तिकारी विचारधारा के समर्थक थे और इनके पिता का नाम था सरदार किशन सिंह संधू और माता का नाम था विद्यावती इनका पूरा परिवार हमारे देश को आज़ाद करने में अपना अहम् योगदान दिया था और इनके अन्दर ये भावना बच्पोँ से ही थी|

चन्द्रशेखर आजाद
इसके बाद हमारे भारत के नौजवानों में नाम आता है चन्द्र शेखर आज़ाद का जो की एक ऐसे नेता थे जिन्होनेइ हमारे भारत की आज़ादी में अपना पूरा योगदान दिया है और इनके बारे में ये कहा जाता है की जब ये मात्र 14 साल के थे तभी से इनके मन में क्रन्तिकारी की भावना आ गयी थी| इनके पिता का नाम था पं. सीताराम तिवारी और इनकी माता का नाम था जगरानी देवी| इनका जन्म जन्म 23 जुलाई 1906 को भवरा नामक गाँव में हुआ था। इनका कहना था की वो जियेंगे तो सिर्फ देश के लिए और कहते थे की जब तक एक क्रान्तिकारी के हाथ में पिस्तौल रहती है तब तक उसे जिन्दा पकड़ा नहीं जा सकता। 27 फरवरी 1931 को ये वीर गति को प्राप्त हो गए थे| और आज़ादी की लड़ाई में इन्होनें अपना जो योगदान दिया उसको तो हम जन्मों तक नहीं भूल सकते|

सुखदेव
इसके बाद नाम आता है सुखदेव जी का जो की बचपन में भगत सिंह के बहुत अच्छे दोस्त थे और इनका जन्म पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में हुआ था| इनके पिता का नाम था मथुरादास थापर और इनकी माता का नाम था रल्ली देवी ऐसा कहा जाता है की सुखदेव जब छोटे थे तभी इनके पिता की मृत्यु हो गयी थी और तब से ही इनकी माता ही इनका लालन पालन करती थी| इनका बचपन लायलपुर में ही बीता था। हमारे देश को आज़ाद करने में इनका भी बहुत बड़ा योगदान रहा है और आ इनके ही कारण हमारा देश आज़ाद हो पाया है|

लाला लाजपत राय
लाला लाजपत राइ हमारे देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी कहे जाते हैं और इनका एक नारा काफी फेमस हुआ था “स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा” और इसको काफी लोगों ने पसंद भी किया था| आपको बता दे की इनका जन्म 28 जनवरी 1865 को फिरोजपुर के पंजाब में हुआ था| और ये यही के रहने वाले थे इन्होंने हमारे देश के लिये काफी संघर्ष किया है और हमारे देश को आज़ाद कराने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है और यही नहीं इन्होनें अपने साथ साथ कई और लोगों को भी इसकी प्रेरणा दी और इसी के कारण आज हम सभी इनको याद भी करते हैं| हमारे देश को आज़ादी के शिखर तक पहुँचाने में 17 नवम्बर 1928 को इनकी जान भी चली गयी थी| लेकिन जो महान काम करता है वो कभी मरता नहीं क्योंकि उसका नाम तो अमर हो जाता है और उसको लोग हमेशा याद करते रहते हैं|

सुभाष चन्द्र बोस
सुभाष चन्द्र बोस हमारे देश के महान नेता में से एक हैं और इन्होनें भी हमारे देश को आज़ाद करने में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है| इनका जन्म 23 जनवरी 1897 में कटक में हुआ था। इन्होंने अपने देश के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी और अपना सारा जीवन देश के नाम कर दिया| इसमें इनको कई सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा लेकिन इन्होनें हार नहीं मानी और आखिरी दम तक ये अपने देश के लिए लड़ते रहे| इन्होनें आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया और अपने आपको देश के नाम समर्पित कर दिया| इनके अंदर देश के लिए कुछ कर गुजरने की लालसा थी और इन्होनें इसके लिए बहुत बड़ी बड़ी लड़ाईयां लड़ी और इसमें इनको कई सारी डी चोटे भी लगी लेकिन इन्होनें इसकी परवाह न करते हुए अपने रस्ते पर आगे बढ़ते रहे और आखिरकार अपना नाम रोशन कर ही दिया|

Written by Jatin Tripathi

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