Hemant ritu essay
हमारे भारत में कई तरह के मौसम पाए जाते हैं और इसीलिए हमारा भारत पूरे विश्व में इस खासियत की वजह से मशहूर है| एक तरफ जहाँ पूरे विश्व के कई ऐसे देश हैं जो साल भर चिलचिलाती गर्मी से जूझते हैं तो वहीँ दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी देश हैं जो साल भर कडकती ठण्ड में वक्त गुजारते हैं| बता दें के अधिकतर देशों में ऐसे ही हालात है के वहां पर एक ही तरह के मौसम या उनमे हल्के बदलाव देखने को मिलते पर हमारा भारत और कुछ अन्य ऐसे देश भी है जहाँ सभी तरह के मौसमों का हमे लुत्फ़ उठाने को मिलता है|
हमारी आज की यह पोस्ट हमारे देश में पायी जाने वाली एक ऐसी ही ऋतु पर हैं| जानकारी के लिए बता दें के हमारे देश में कुल छह ऋतुएं पायी जाती है जिनमे ग्रीष्म, शरद, वर्षा, हेमंत, बसंत और शिशिर शामिल हैं| बात करें अगर ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, वर्षा ऋतु और बसंत ऋतु की तो इनके बारे में हमे काफी जानकारियाँ मिल जाती हैं|और अन्य दो ऋतुएँ इनके बीच में आती है इसलिए उनकी बातें भी हो जाती हैं| ऐसे में हम आमतौर पर हेमंत ऋतु के अलावा अन्य 5 ऋतुओं के बारे में तो बात कर ही लेते हैं पर हेमंत ऋतु एक ऐसी ऋतु है जिसके बारे में हमे कम ही जानकारी मिलती हैं|
विशेषताएं
इसलिए अपनी आज की यह पोस्ट हमने हेमंत ऋतु पर ही रखी हैं| हेमंत ऋतु की बात करें तो यह मुख्य तौर पर शीत ऋतु का एक प्रकार है| शीत ऋतु दो ऋतुओं के वक्त को एक साथ लेकर बनी होती है जिसके दोनों हिस्सों के नाम हेमंत और शिशिर होते है| बता दें के शीत ऋतु में जो पहले ही हल्की ठंड का वक्त होता है उसे हेमंत ऋतु का नाम दिया जाता है और जो उसके बाद कडकती ठंड का वक्त आता है उसे शिशिर ऋतु कहा जाता है|
बता दें के हेमंत ऋतु के दौरान मौसम बेहद ही सुह्वाना लगता है और इस दौरान घूमने फिरने के लिए सबसे उत्तम मौसम होता है| बात करें अगर साल के महीनों की तो आमतौर पर साल के कार्तिक, अगहन और पौष जैसे कुछ महीने इस ऋतु में शामिल होते हैं| और इस दौरान हल्की गुलाबी ठंड पडती है| हेमंत ऋतु के दौरान हमारे शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे के इस ऋतु के दौरान हमारे शरीर की पाचन शक्ति बढ़ जाती हैं|
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मौसम
हेमंत ऋतु के दौरान मौसम में मध्यम स्तर की शीतलता होती है और यह वो वक्त होता है जब पृथ्वी सूर्य से हल्की हल्की दूर हो रही होती है| इस दौरान तापमान का पारा कुछ महीनो के लिए नीचे आने लगता है| इस ऋतु के दौरान मौसम बेहद ही लुभावना हो जाता है जिस वजह से हल्की गर्मी रहती है और आसमान में न के बराबर सूरज चमकता है जिस वजह से बिल्कुल मध्यम सर्दी और गर्मी का अनुभव होता है|
हेमंत ऋतु और स्वास्थ्य
हेमंत ऋतु का असर स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं पर सकारात्मक देखने को मिलता है और इसी लिए इस ऋतु को स्वास्थ्य के लिए काफी काफी लाभदायक भी बताया जाता है| हेमंत ऋतु के दौरान मौसम और प्रकृति दोनों ही इतनी मनोरम लगती हैं के देश ही नही बल्कि विदेशों से भी सैलानी इस ऋतु के दौरान हमारे देश में घूमने फिरने आते हैं| इस ऋतु के दौरान जो हल्की सर्दी पडती है उसमे आग के सामने बैठा बेहद ही अच्छा लगता है और एक अलग ही अनद और सुकून का अनुभव भी होता है|
हालाँकि इस ऋतु के दौरान अगर सम्भलकर नही रहते है या सर्दियों को हम आंकते हैं तो आपको ठंड भी लग सकती है जिससे आपकी तबियत भी हल्की नासाज़ हो सकती है| इस ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले कुछ त्योहारों की बात करें तो इनमे साल के अंत के कुछ त्यौहार जैसे के दश, हरादिवाली और बिहू शामिल हैं| इस ऋतु का पेड़ पौधों पर भी बेहद अच्छा असर देखने को मिलता है और एक बार फिर से प्रकृति हरी भरी और बिल्कुल स्थिर और शीतल दिखने लगती है|
आयुर्वेद के अनुसार हेमंत ऋतु को सेहत बनाने की ऋतु बताया गया है क्योंकि ऐसी मान्यता है के इस ऋतु के दौरान शरीर में व्याप्त कई दोष शांत हो जाते हैं और फिर धीरे धीरे शरीर में नई ऊर्जा का संचार शुरू होता है| इस दौरान रातें बड़ी होने लगती हैं और दिन छोटे जिस वजह से शरीर को भरपूर मात्रा में आराम भी प्राप्त होने लगता है| साथ ही शरीर को इस ऋतु के दौरान गर्म जल से स्नान और एक अच्छी तेल मालिश की भी जरूरत पड़ने लगती हैं| इस ऋतु के दौरान की गयी कसरत भी काफी जल्दी शरीर पर असर करती हैं|
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धार्मिक महत्त्व और व्रत त्यौहार
बात करें अगर हेमंत ऋतु से जुड़े धार्मिक पहलुओं की तो हम आपको बता दें के मार्गशीष और पौष महीनों के दौरान वृश्चिक और धनु राशियाँ संक्रमन करती हैं| और एक तरफ जहाँ ग्रीष्म, वर्षा और बसंत को दैवीय ऋतुओं का नाम दिया जाता है वहीँ दूसरी तरफ बात करें अगर शरद, हेमंत और शिशिर ऋतुओं की तो इन्हें पितरों की ऋतु बताया गया है| वहीँ इस ऋतु के दौरान हिन्दू धर्म के कई सारे बड़े और अहम टीज त्यौहार भी मनाये जाते हैं जिसमे धनतेरस, रूप चतुर्दशी, करवा चौथ, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज जैसे कुछ प्रमुख त्यौहार शामिल है|
साथ ही इन त्योहारों के अलावा उज्जैन के महाकालेश्वर की दो सवारियां कार्तिक और दो सवारियां अगहन महीनों में निकलती हैं| वहीँ इसी माह में तुलसी विवाह की भी पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती है जो के कार्तिक शुक्ल प्रबोधिनी एकादशी पर मनाई जाती है| औरे इसी के बाद चातुर्मास का भी अंत होता है| बता दें के हेमंत ऋतु के शुरूआती महीनों में भगवान सूर्य की आराधना और सूर्य मन्त्र का जाप भी अति महत्वपूर्ण और फलदायी माना गया है|
तो ये थी हेमंत ऋतु से जुडी कुछ अहम जानकारियाँ और इस ऋतु की विशेषताएं जिनके बारे में हमने अपनी इस पोस्ट में विस्तृत रूप से जाना| और अगर आप ऐसे ही ज्ञानवर्धक पोस्ट्स पढना चाहते हैं तो हमारे इस ब्लॉग से जुड़े रहे क्योंकि हम यहाँ पर हर रोज़ नये नये विषयों पर ऐसी पोस्ट्स लाते रहते हैं जिनसे यकीनन आपके ज्ञान में वृद्धि होने वाली है|