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पीपल पेड़ का महत्व व उपयोग | Health benefits of Peepal tree

पीपल के पेड़ हमारे ही देश में नही बल्कि विदेशों में भी पाए जाते हैं| पीपल के पेड़ का वैज्ञानिक नाम Ficus religiosa है और इसे अंग्रेजी में ‘सेक्रेड फिग’ के नाम से जाना जाता है| आज की इस पोस्ट में हम आपको इसीलिए पीपल के पेड़ से जुडी कुछ रोचक जानकारियाँ देने जा रहे है| और साथ ही हम आपको आज इस पेड़ के इतिहास, महत्व और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में भी बताने जा रहे हैं|

पीपल पेड़ का महत्व व उपयोग (Peepal tree Uses Information in Hindi)

महत्व (Significance)

हिन्दू सभ्यता में शुरुआत से ही पीपल के पेड़ को पूजनीय बताया गया है और धार्मिक कार्यों में इसका अत्यधिक महत्व देखने को मिलता है| साथ ही भारतीय महाद्वीप के निवासियों द्वारा पीपल के इस पवित्र पेड़ में कई औषधीय गुणों की भी पुष्टि की गयी है जिस वजह से इसका इस्तेमाल इनके द्वारा कई बीमारियों के इलाज़ में किया जाता है| इनमे मुख्यतः अस्थमा, कब्ज, त्वचा रोग, गुर्दे की बीमारियाँ, नपुंसकता, खसरा और रक्त संबंधी रोग शामिल है|

साथ ही अगर देश के सबसे बड़े आयुर्वेदिक संस्थान पतंजली आयुर्वेद लिमिटेड के महान आचार्य बाल कृष्ण की मानी जाए तो उनके अनुसार पीपल पे पत्तों में ग्लूकोज और मेननो, फेनोलिक के पाए जाने की पुष्टि की गयी है| और इस्नके साथ पीपल की छाल को लेकर आचार्य बालकृष्ण नें बताया था के इनमे विटामिन के, टैनन और फाइटोस्टेरोलिन पाए जाते हैं| और इन्ही खासियतों की वजह से पीपल के पेड़ को आचार्य द्वारा असाधारण औषधीय पेड़ बताया गया था|

कई आयुर्वेदिक संशोधनों में ऐसा सामने आ चूका है के पीपल के पेड़ के लगभग हर हिस्से में औषधीय गुण पाए जाते है| फिर चाहे वो पेड़ की पट्टियां हो, बीज हो, छाल हो या फल सभी के अपने अपने इस्तेमाल है और अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो कई रोगों के इलाज़ में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है|

स्वास्थ्य लाभ (Health benefits of Peepal tree in Hindi)

बुखार का इलाज करने में मदद (Helps in fever)

सर्दी और बुखार की समस्या में पीपल काफी अच्छे परिणाम दे सकता है| आपको इसके लिए बस पीपल के कुछ पत्ते लेने है और अच्छे से इन्हें दूध में उबाल लेना है| और फिर स्वादानुसार उसमे चीनी डालकर इस मिश्रण को दिन में दो बार पीना है|

अस्थमा का इलाज (Cures Asthma)

अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी को भी पीपल जड़ से खत्म कर सकता है| इसके लिए आपको पीपल की कुछ पत्तियों का पाउडर बना लेना है और इसे दूध में मिलाकर उबाल लेना है| इसके बाद चीनी मिलकर इसे दिन में दो बार लेना है|

आंखों के दर्द का इलाज (Treatment in Eye pain)

पीपल की पत्तियों से निकने वाले दूध से आँखों के दर्द में शीघ्र ही आराम मिलता है| और यहाँ अच्छी बात यह है के पीपल से निकलने वाले दूध जैसे पदार्थ से आँखों की रौशनी भी सुधरती है|

दांत के सहायक (Keeps teeth healthy)

यह सुनने में जरा अजीब जरूर लग सकता है पर नीम की तरह पीपल की ताजा टहनियों और पेड़ की नई जड़ों का इस्तेमाल दांतों की सफाई के लिए भी किया जा सकता है| यह दांतों की सफाई के साथ साथ दाग को हटाने और कीटाणुओं को मारने में भी सहायक होता है|

नाक से बहने वाले रक्त से राहत (Treat Nose bleeding)

नाक से रक्त बहनें की समस्या भी कई बार गंभीर रूप ले लेती है| ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए आप पीपल की कुछ पत्तियाँ लेकर इनका रस निकाल लें और कुछ बूंदे नाक में डालें| इससे आपको निश्चित लाभ मिलेगा|

पीलिया के इलाज (Helps in treatment of Jaundice)

पीपल का इस्तेमाल एक और बड़ी बीमारी के इलाज़ में किया जा सकता है जो के पीलिया है| इसके लिए आपको बस पीपल की पत्तियों से निकलने वाले रस में थोड़ी मिश्री मिलानी है और इस रस को दो तीन बार पीना है|

कब्ज (Constipation problem)

पीपल का इस्तेमाल पेट की कई बीमारियों में किया जा सकता है जिसमे कब्ज़ के इलाज़ में इसे अतिकारगर पाया गया है| आपको इसके लिए बस पीपल की पत्तियों का पाउडर बनाना है और उसे अनाज बीज पाउडर में मिलाना है| इसके बाद इसमें बराबर मात्र में गुड मिलाना है और सोने से पहले इसे दूध के साथ लेना है|

हृदय रोगों का इलाज (Helps heart patients)

आज के वक्त की बेहद गंभीर समस्या बन चुकी ह्रदय रोगों की समस्या में भी पीपल मददगार साबित हो सकता है| आपको इसके लिए पीपल की कुछ पत्तियों को को एक रात के लिए एक जार में भिगोकर छोड़ देना है और फिर अगले दिन आपको पत्तियाँ निकालकर आपको दो तीन बार इस पानी को पीना है|

मधुमेह प्रबंधन में मदद (Help in diabetes management)

आज के वक्त की एक और बड़ी समस्या है डायबिटीज जिसके इलाज़ के लिए आपको पीपल के फल का इस्तेमाल करना है| आपको इसके लिए बस पीपल के फल के पाउडर का सेवन करना है|

हमारे रक्त को शुद्ध करता है (Purifies our blood)

पीपल का इस्तेमाल खून को शुद्ध रखने के लिए भी किया जा सकता है| आपको इसके लिए पीपल के बीजों को दो तीन ग्राम पाउडर बना लेना है और इसके बाद इस पाउडर को आपको शहद के साथ दिन में लगभग दो बार लेना है|

पीपल के पेड़ से जुड़े कुछ तथ्य व इतिहास (Some facts and history Information about Peepal tree in Hindi)

पीपल के पेड़ को हिन्दू धर्म में काफी सम्मान और महत्व दिया जाता है और सात ही इसकी पूजा भी की जाती है| पर अगर लोगों से पुछा जाए तो अधिकतर ऐसे लोग मिलेंगे जिन्हें पीपल की उत्पत्ति और इतिहास के बारे में अधिक जानकारी नही है| पीपल की खासियतों की बात करें तो इसे दिल की आकार की पत्तियों से पहचाना जा सकता है जिनमे लम्बी लम्बी संकुचन युक्तियाँ नजर आती है|

पीपल के पेड़ के इतिहास की बात करें तो इसे मोहनजोदारो शहर में सिंधु घाटी सभ्यता (3000 ईसा पूर्व – 1700 ईसा पूर्व) में जाना गया था| साथ ही हिन्दू धर्मग्रंथ श्रीमद्दभगवद गीता में कहे गये भगवान श्री कृष्ण के वाक्यों में भी भगवान द्वारा ऐसा बताया गया था के पीपल के पत्तों में उनका वास है|

पीपल से जुड़े वैज्ञानिक पहलुओं की बात करें तो यह एकमात्र ऐसा पेड़ है जो के पूरे दिन और पूरी रात ऑक्सीजन ही बाहर करता है और यही कारण है के कई विद्वानों को पीपल के पेड़ के नीचे ही ध्यान लगाते देखा गया है| साथ ही हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ को अगर कोई वैवाहिक महिला पूजती है तो उसके पति की आयु में इजाफा होता है| भारत में पीपल के पेड़ को ‘बोध वृष’ और ‘देव वृक्ष’ जैसे नामों से भी जाना जाता है|

Written by Jatin Tripathi

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