वैश्वीकरण या ग्लोबलाइजेशन | Globalization

Globalization kya hai?

वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हम अपनी बनायीं गयी वास्तु को पुरे विश्व तक पहुंचाते हैं और इससे हमारी वस्तुओं का प्रचार पुरे विश्व में हो जाता है और इसको हम एक तरह से राष्ट्रीय क्षेत्र से मुक्त एक स्वतंत्र और परस्पर बाज़ार का निर्माण करना भी कह सकते हैं। डोमिनोस पिज़्ज़ा का नाम तो आप सभी ने सुना होगा और ये आज के समय में हम सब के लिए वैश्वीकरण का जीता जागता उदारहण है क्योंकि आज के समय में इसका नाम न सिर्फ हमारे भारत में है बल्कि पुरे विश्व में ये अपनी पहचान बना चूका है| और एक व्यवसाय को इतने बड़े स्तर पर विकसित होना कोई आसान बात नहीं है|

आज के समय में वैश्वीकरण ने दुनिया भर में लगभग बहुत सारे देशों को सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित किया है और इसकी वजह से आज कोई भी काम बड़े पैमाने पर करना संभव हो पाया है| इसके माध्यम से हम कई सरे क्षेत्रों में जैसे परिवहन, संचार और व्यापार ,विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यवसाय आदि में काफी आगे जा चुके हैं और इससे कई सारे लोगों को रोज़गार भी मिला है| अब आइये जानते हैं की इसका सही अर्थ क्या है और जानते हैं इसके बारे में विस्तार से|

ग्लोबलाइजेशन क्या है  (Globalization kya hai) :

आपको बता दे की ग्लोबलाइजेशन एक अंग्रेजी शब्द है और इसको हिंदी में हम भूमंडलीकरण कहते हैं और इसका अर्थ होता है किसी भी व्यापार ,तकनीक व् सेवाओं को पुरे विश्व में विस्तार करना| या हम तू कह सकते हैं की किसी भी देश की वास्तु ,सेवा या पूंजी का लेनदेन ही ग्लोबलाइजेशन कहलाता है। इसका विस्तार सिर्ग आर्थिक क्षेत्र तक सिमित नशी रहता बल्कि इसका प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है|

ग्लोबलाइजेशन का शुभारंभ :

अब हम बात करेंगे इसकी शुरुआत की तो आपको बता दे की जब 16 वीं शताब्दी में साम्राज्यवाद की शुरुआत हुई थी उसी समय ग्लोबलाइजेशन की चर्चा भी हुई थी और तभी से ये आया था और इसके आने का मुख्या कारण द्वितीय विश्व युद्ध भी था| और फिर धीरे धीरे ग्लोबलाइजेशन का प्रसार हो गया और सभी देशों ने इसको अपनाना शुरू कर दिया और आज के समय में इसकी वजह से पूरी दुनिया की काया ही बदल चुकी है और इसका असर हमें देखने को मिल रहा है|

ग्लोबलाइजेशन के प्रभाव (globalization ke prabhav) :

अब हम बात करेंगे इससे होने वाले प्रभाओं के बारे में तो आपको बता दे की ग्लोबलाइजेशन की वजह से व्यापार बहुत तेज़ी से प्रभावित होता है और इसके असर को हम दो तरह से देख सकते हैं| बाजार ग्लोबलाइजेशन और उत्पादन ग्लोबलाइजेशन। बाज़ार ग्लोबलाइजेशन के अंतर्गत हम अपने उत्पादों को दुसरे देशों में कम कीमत पर बेचते हैं और वहां के बाज़ार में उन उत्पादों को ज्यादा कीमत में बेचा जाता है| जिससे दुसरे देशों को फायदा होता है और अगर हम उत्पादन ग्लोबलाइजेशन की बात करें तो इसके अंतर्गत बड़े कारखाने या कंपनी द्वारा देशों में छोटे कारखाने स्थापित किए जाते हैं और उनमें कम वेतन पर मजदूरों से काम कराया जाता है जिससे लाभ ज्यादा मिलता है|

ग्लोबलाइजेशन का प्रमुख काम :

आज के इस बढ़ते ज़माने में ग्लोबलाइजेशन पूरी तरह से अपने आपको स्थापित कर चूका है| और इसका प्रमुख उद्देश्य है किसी भी देश के छोटे और बड़े उत्पादों को बड़े स्टार पर ले जाना और उनसे फायदा लेना| इसमें बहुत साडी चीजें आती हैं जैसे की कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुएं, खाद्य वस्तुएं और भी बहुत कुछ| हमारे भारत में ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत सन् 1991 में वित्त मंत्री द्वारा की गई थी। और आज इसका असर बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है|

ग्लोबलाइजेशन के लाभ :

जैसा की हम सभी जानते हैं की इसके आने से हमारे व्यापार में बहुत तेज़ी से विद्धि आई है और व्यापर प्रणाली ने ग्लोबलाइजेशन में जैसे एक नई जान डाल दी है और इसके लाभ भी बहुत सारे हैं| देखा जाये तो ग्लोबलाइजेशन के द्वारा ही बहुत सी कंपनियों ने बड़े देशों में अपनी पहचान बनायीं थी और आज बड़े पैमाने पर कम कर रहे हैं और इससे लोगों के रोज़गार में भी वृद्धि हुई है और इसके कारण जगह बनाई थी। नए उद्योगों की स्थापना की वजह से रोजगार में वृद्धि हुई। इसके ही कारण आज भारतीय विद्यार्थियों और शिक्षा के क्षेत्र को इंटरनेट के माध्यम से विदेशी विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया है जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बहुत उछाल आया है और इसके आलावा इससे स्वास्थ्य का क्षेत्र भी बहुत अधिक प्रभावित हुआ है और व्यवस्था दुरुस्त हुई है|

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ग्लोबलाइजेशन से जितने फायदे हैं उतने नुकशान भी हैं तो आपको बता दे की इससे विकासशील देशों पर बहुत बुरा असर पड़ा है और जब शहरी विकास को महत्व दिया गया तब गाँव के लोग भी बहुत तेज़ी से शहर में आने लगे जिसकी वजह से गाँव की हालत बद से बदतर हो गयी| और गाँव में रोज़गार के साधन समाप्त हो गए जिससे बहुत से लोग भूखों मरने लगे और इससे गाँव के लोगों पर काफी गहरा असर पड़ा| इसके आलावा कई सरे लोगों की तो नौकरी भी छुट गयी जिससे उनका बहुत नुकशान हुआ| उनके बच्चे भूखे रह गए और परिवार में आर्थिक तंगी आ गयी जिससे काफी हानि हुई|

भारत में ग्लोबलाइजेशन :

जिसे जैसे ग्लोबलाइजेशन का विस्तार बड़े देशों में हुआ वैसे वैसे हमारे देश भारत में भी इसका असर देखने को मिला था और जब भारत ने ग्लोबलाइजेशन की प्रणाली के लिए अपने द्वार खोल दिए तो बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों ने इससे हाथ मिलाया और भर के लोग भी हमारे भारत में निवेश करने लगे जिससे हमारे भारत में भी इसका विस्तार हुआ और धीरे धीरे इसका असर ज्यादा हो गया और हमारा भारत भी ग्लोबलाइजेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ गया और इसको भी इसका लाभ मिलने लगा| आज के समय में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग काफी बढ़ गयी है और ये भी देखा जाये तो ग्लोबलाइजेशन का ही परिणाम है और ग्लोबलाइजेशन ने आज के समय में सभी देशों को तेजी से आर्थिक विकास का एक मंच प्रदान किया है जिससे वो आगे बढ़ सके और कुछ कर के दिखा सके|

Written by Jatin Tripathi

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