Jalavaayu Parivartan in Hindi- Climate Change, Cause, Effect, Control in Hindi
आजकल के इस बदलते समय में हमारी जलवायु इतनी बदल गयी है की ये हमारे लिए एक बहुत की बड़ी समस्या बन चुकी है और आज हम आपको जिसके बारे में बताने जा रहे हैं वो है आजकल का जलवायु परिवर्तन| आज हम आपको ये भी बताएँगे की आखिर ये जलवायु परिवर्तन होता कैसे है और इसके प्रमुख करण क्या हैं और इसको नियंत्रित करने के तरीके क्या हैं| और इसके साथ ही आज हम आपको ये भी बताएँगे की कैसे आप इसको समय रहते नियंत्रित कर सकते हैं जिससे आपको ज्यादा समस्या नहीं होगी तो आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
जलवायु परिवर्तन क्या है? jalavaayu parivartan kya hai?
अब हम बात करने जा रहे हैं जलवायु परिवर्तन की तो आपको बता दे की जलवायु और मौसम दो ऐसे शब्द हैं जो अपनी अपनी जगह पर हमारे पर्यावरण के बारे में बताते हैं और इसके बारे में समझना आपके लिए बेहद आवश्यक है| मौसम की अगर हम बात करें तो ये विभिन्न स्थानों पर अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान, बादलों एवं वायु की स्थिति, वर्षा का पूर्वानुमान और आर्द्रता को भी दर्शाता है। और हम इसको ऐसे भी कह सकते हैं की निर्धारित समय पर किसी स्थान पर बाहरी परिस्थितियों में होने वाला परिवर्तन मौसम कहलाता है।
अब बात आती है जलवायु की तो ये शब्द किसी भी स्थान के कई वर्षों के अन्तराल में वहाँ की मौसम की स्थिति को बताता है। जलवायु से हम ये भी जान सकते हैं की कोई भी स्थान कैसा है और यहाँ का मौसम कैसा है| और जब भी हम कहीं घूमने की प्लानिंग करते हैं तो सबसे पहले हमारा ध्यान यहाँ की जलवायु पर ही जाता है क्योंकि उसी के हिसाब से हम अपनी यात्रा आसानी से कर पाएंगे| देखा जाये तो पहले की अपेक्षा अब जलवायु में काफी बदलाव हो चूका है जैसे की आज के समय में गर्मिया काफी लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटीहो रही हैं, और ये परिवर्तन हमारे लिए आजकल की सबसे घातक समस्या बन चुकी है और अगर बहुत जल्दही इसका निवारण न किया गया तो ये हमारे जीवन के लिए काफी दुखदायी हो सकता है।
ये तो आप जानते ही हैं की हमारी पृथ्वी द्वारा सूर्य से बहुत सारी ऊर्जा ग्रहण करती है। और इसके करण ये काफी गर्म भी हो जाती है और ये उर्जा धीरे धीरे हमारी पृथ्वी की सतह तथा समुन्द्र के जरिये परिवर्तित होकर हमारे पर्यावरण में चली जाती है और और ये हमारे पर्यावरण में ऊपर जाकर एक ऐसी परत का निर्माण करती है जिसमे से गैसों का आदान प्रदान नहीं हो पाता और हमारे पर्यावरन की गर्मी यही रह जाती है और हमें गर्मी अ ज्यादा एहसास होता है| इसमें मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड गैसें होती हैं और इन गैसों को ही हम ग्रीन हाउस गैस के नाम से जानते हैं और और जिस प्रकार से हरे रंग का कांच प्रकाश को अंदर आने से रोकता है, उसी तरह से यह पृथ्वी के ऊपर एक परत बनाकर अधिक ऊष्मा से इसकी रक्षा करती है। और इसी को हम ग्रीन हाउस प्रभाव भी केर्हते हैं।
हमारे वायुमंडल में ऐसे कई सरे गृह हैं लेकिन जीवन सिर्फ पृथ्वी पर ही संभव है और पृथ्वी पर तापमान भी हमारे अनुकूल है जिससे यहाँ पर जीवन संभव है और हमारे वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की उपस्थिति के कारण ही हमारे पृथ्वी का तापमान जीवन के लिये अनुकूल है। लें ग्रीनहाउस गैसें हमारे वायुमंडल में एकत्रित होकर हमारे पृथ्वी के तापमान को काफी ज्यादा बढ़ा देती हैं और इसी को हम आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग भी कहते हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण – jalavaayu parivartan ke karan
अब आइये हम बात करते हैं की आखिर इस जलवायु परिवर्तन का प्रमुख करण क्या है और इस परिवर्तन के लिए कई सरे करण है और इन कारणों को हम दो भागों में बाँट सकते हैं। इसमें से पहला है प्राकृतिक कारण और दूसरा है मानवीय कारण। प्राकृतिक कारण में हम बात करेंगे जैसे महाद्वीपों का खिसकना, ज्वालामुखी तंरगे और पृथ्वी के मानवीय कारणों में ग्रीन हाउस प्रभाव शामिल है। आजकल के समय में टेकनोलोजी इतनी विकसित हो गयी है की लोग तरह तरह के विद्युत संयंत्रों का उपयोग अधिक करने लगे हैं जिससे हमारी जलवायु पर काफी गहरा असर पड़ रहा है और इसमें से कुछ की हम बात करेंगे तो आइये जानते हैं कौन कौन से हैं इनके बारे में। वीडियो गेम खेलने से,लाइट जलाने से,म्यूजिक सिस्टम चलाने से,वॉशिंग मशीन का प्रयोग करने से,माइक्रोवेव अवन का प्रयोग करने से,एयरकंडीशनर का उपयोग करने से,टी.वी. देखने से काफी सारी ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन ओता है जिसके करण हमारे पर्यावरण में ग्लोबल वार्मिंग काफी बढ़ जाता है और इसी की वजह से आजकल गर्मी भी काफी ज्यादा बढ़ गयी है।
गर्मी बढ़ने के प्रभाव – garmi badhane ke prabhav
आजकल के समय में तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया है की ये हमारे लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है और इससे हमारे जीवन पर भी काफी गहरा असर पड़ता है और ये हमारे जीवन पर भी बहुत गहरा प्रभाव डालता है तो आइये जानते हैं इसके प्रभाव के बारे विस्तार से।
प्रतिकूल मौसम
आजकल के सामी में ऐसा देखा जा रहा है की कुछ स्थान तो बहुत गर्म हैं लेकिन कहीं पर इतनी वर्षा होती है की लोग काफी प्रभावित हो जाते हैं और कही कही पर तो सुखा भी पड़ जाता है और कई सारी जगहों पर लू, सूखा, बाढ़ जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
पिघलते हिम खंड
आजकल के इस बदलते जलवायु परिवर्तन के करण बहुत सारी वर्फीली चोटिया भी पिघलने लगी है, और जो बर्फ के पहाड़ हुआ करते थे वो काफी सकरे हो गये हैं और जब ये बर्फ पिघलती है तो ये भी हमारे लिए एक नयी समस्या खड़ी करती है| और इससे जल का स्टार भी काफी बढ़ जाता है|
जैव विविधता का ह्रास
हमारे भारत में जैव विविधता बहुत अधिक पाई जाती है और यहाँ पर पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं की कई सारी प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं और जलवायु परिवर्तन भी इनके लिए आज के समय में एक गहरी समस्या बन चुकी है| और इसके वजह से बहुत सारी प्रजातियों का विनाश हो चुका है और न जाने अभी कितना आगे भी होगा।
मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य पर भी बहुत गहरा प्रभाव डालता है जिससे हमें कई सरे रोगों का सामना करना पड़ता है जैसे की मलेरिया, मस्तिष्क ज्वर, पीत ज्वर व डेंगू जैसी बीमारियाँ हमारे लिए काफी घातक साबित हो रही हैं।
जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपाय
- आपको ज्यादा से यदा साइकिल का उपयोग करना चाहिए।
- वृक्षों की कटाई नहीं करनी चाहिए |
- कम दूरी के लिये व्यक्तिगत वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।
- हमें भारी मात्रा में पेड़ लगाना चाहिए।
- बिजली के उपयोग कम करना चाहिए।
- हो सके तो दिन के समय प्राकृतिक रोशनी से कम चलाना चाहिए|
- वर्षा के जल का संचयन करना चाहिए।
- रोशनी के लिये सीएफएल बल्बों का प्रयोग ।
- आवश्यकता न होने पर विद्युत उपकरणों को बंद कर देना चाहिए|
- रोज़ के कूड़े को जला देना चाहिए।
- हमेशा कपड़े के थैले का प्रयोग करना चाहिए।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको हमारी ये पोस्ट हम आशा करते हैं की आपको हमारी पोस्ट पसंद ई होगी और अगर आप भी अपने पृथ्वी के भविष्य को बचाना चाहते हैं तो आपको थोड़ी मनात तो करनी होगी जिससे आप अपने पर्यावरण को जलवायु के भयानक संकट से बचा सकते है। और जिससे आपकी आने वाली पीढ़ी भी प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सके।