घर खर्च के लिए किराए पर देते थे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स, आज 1500 करोड़ के हैं मालिक
ए आर रहमान इनको आज कौन नहीं जानता हैं | ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को भारत के तमिलनाडु राज्य के चेन्नई शहर में एक मध्यम वर्गीय तमिल मुदलियार परीवार में हुआ | उनके पिताजी आर.के. शेखर वह तमिल और मलयालम फिल्मो के परिचालक और निर्माता थे | जब पिता आर.के. शेखर की मृत्यु होई तब A R रहमान सिर्फ 9 साल के ही थे | ए आर रहमान का जीवन बड़ा ही संघर्ष और दुःख से गया है | ए आर रहमान जीने आपने परिवार को सँभालने के लिए पिताजी के वाद्ययंत्रों को किराये से देकर अपना घर चलाने लगे थे | परन्तु A R रहमान जी के अंदर बहुत अच्छी कीबोर्ड प्लेयर की कला थी | जब वह आयु के 11 के तभी ए आर रहमान ने अपने संगीत कि शिक्षा का प्रशिक्षण मास्टर धनराज के हातो लेना शुरू किया एक मलयालम ऑर्केस्ट्रा में | द में उन्होंने कुछ दुसरे संगीतकारों के साथ काम करना शुरू किया, जैसे की एम.एस.विस्वनाथन, ल्लैयाराजा, रमेश नायडू और राज-कोटि, इसके बाद उन्होंने जाकिर हुसैन, कुन्नाकुदी वैद्यनाथन और एल.शंकर के साथ विश्व स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन भी किया | उनके हुनर को देखते हुए उन्हें ट्रिनिटी कॉलेज, लन्दन के संगीत विभाग से शिष्यवृत्ति भी मिलती थी | वही आज रिपोर्ट के अनुसार कहा जाता हैं की ए आर रहमान 1500 करोड़ संपत्ति के मालिक हैं |
रहमान की अरेंज मैरिज हुई थी। अपनी पहली मुलाकात में उन्होंने पत्नी सायरा बानो से कहा था, ‘अगर हम डिनर कर रहे होंगे और मुझे कोई धुन सूझेगी, तो हमें डिनर छोड़ना होगा।’ इस बारे में उनकी पत्नी कहती हैं कि रहमान ने उन्हें शादी से पहले ही ‘ऑटो-ट्यून’ कर दिया था।रहमान ने अपना पहला रिकॉर्डिंग स्टूडियो ‘पंचतान रिकॉर्ड इन’ चेन्नई में अपने घर के आंगन में बनाया था। इसके चलते आगे रहमान की ज़िन्दगी इसी स्टूडियो ने उनकी जिंदगी बदल दी।
अभी के दौर में A R रहमान ने कई ऊँची छवि बना दी हैं | वह भारत के बहोत ही बड़े सिंगर के रूप में जाने जाते हैं | उनकी एक बात हैं जब कोई गाना उनको मिलता हैं वह उस गाने का प्रयास काफी दिन पहले से ही शरू कर देते हैं , हम रेहमान जी के कई गाने अभी देख सकते हैं जो आज के समय मैं बहोत ही हिट हैं अगर आज तक के रहमान के अवार्डों पर नजर डालें तो लगेगा जैसे रहमान कोई अवार्ड पुरुष हैं, आपको बता दें रहमान को उनकी फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर के लिए दो ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया | वह दो ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय संगीतकार हैं | रहमान को इसके अलावा एक बॉफ्टा अवॉर्ड, एक गोल्डन ग्लोब, 4 नैशनल फिल्म अवॉर्ड, 15 फिल्मफेयर अवॉर्ड और 13 फिल्मफेयर साउथ के अवॉर्ड मिल चुके हैं | रहमान को साल 2000 में पद्मश्री और 2010 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया है |
रहमान जी ने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, ताल, जीन्स, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लमडॉग मिलियनेयर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर ‘वंदे मातरम्’ एलबम बनाया था, जो अत्यधिक सफल रहा। भारतबाला के निर्देशन में बनी एलबम ‘जन गण मन’ में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया था। उनके साथ इस एलबम में भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई नामी हस्तियों ने सहयोग दिया था। ए आर रहमान की अब तक 20 करोड़ से भी ज्यादा की साउंडट्रैक एलबम बिकी हैं। वे ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इसी फिल्म के गीत ‘जय हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार भी मिले।